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पांगिरा [Pangira]

Vishwas Patil
4.9/5 (21846 ratings)
Description:' पांगिरा ' में रोशनी और अँधेर की वही धड़कनें हैं, उसकी मिट्टी और मौसम के वही रंग और मिजाज हैं, वही राग और विराग हैं, आपाधापी और जद्दोजहद हैं, धूल फूल पत्तों की सरसराहट भी वैसी ही है-जो आज के किसी भी भारतीय गाँव में सहज उजागर 'पांगिरा'-महाराष्ट्र का एक आधुनिक भारतीय गाँव-इस उपन्यास का केन्द्रीय कथानायक है। दरअसल, पांगिरा एक ऐसा विराट कैनवास है जिस पर तमाम चलती हुई गतियों में फँसे लोगों की बहरूपी तसवीरें हैं, जो अपन-अपने तरीके से इस उपन्यास का ख़ुश और उदास अर्थ देत हैं-पूरी आत्मीयता और सजगता के साथ। -और शायद इसीलिए 'पांगिरा' उपन्यास को एक सशक्त सामाजिक दस्तावेज़ कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि मराठी भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार श्री विश्वास पाटिल ने इस प्रतीकात्मक सामाजिक दस्तावेज के जरिए जीवन की सार्थक परिभाषा को तलाश करना चाहा है। मूल मराठी से अनूदित इस बहुचर्चित उपन्यास की अपनी अनुवादगत सीमाएँ हैं, लेकिन गाँव का यह महाकाव्य हिन्दी के उपन्यास-प्रमी पाठकों को रोचक, रोमांचक और सखद अनुभव देगा।।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with पांगिरा [Pangira]. To get started finding पांगिरा [Pangira], you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
Pages
Format
PDF, EPUB & Kindle Edition
Publisher
राजहंस प्रकाशन
Release
ISBN

पांगिरा [Pangira]

Vishwas Patil
4.4/5 (1290744 ratings)
Description: ' पांगिरा ' में रोशनी और अँधेर की वही धड़कनें हैं, उसकी मिट्टी और मौसम के वही रंग और मिजाज हैं, वही राग और विराग हैं, आपाधापी और जद्दोजहद हैं, धूल फूल पत्तों की सरसराहट भी वैसी ही है-जो आज के किसी भी भारतीय गाँव में सहज उजागर 'पांगिरा'-महाराष्ट्र का एक आधुनिक भारतीय गाँव-इस उपन्यास का केन्द्रीय कथानायक है। दरअसल, पांगिरा एक ऐसा विराट कैनवास है जिस पर तमाम चलती हुई गतियों में फँसे लोगों की बहरूपी तसवीरें हैं, जो अपन-अपने तरीके से इस उपन्यास का ख़ुश और उदास अर्थ देत हैं-पूरी आत्मीयता और सजगता के साथ। -और शायद इसीलिए 'पांगिरा' उपन्यास को एक सशक्त सामाजिक दस्तावेज़ कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि मराठी भाषा के प्रख्यात उपन्यासकार श्री विश्वास पाटिल ने इस प्रतीकात्मक सामाजिक दस्तावेज के जरिए जीवन की सार्थक परिभाषा को तलाश करना चाहा है। मूल मराठी से अनूदित इस बहुचर्चित उपन्यास की अपनी अनुवादगत सीमाएँ हैं, लेकिन गाँव का यह महाकाव्य हिन्दी के उपन्यास-प्रमी पाठकों को रोचक, रोमांचक और सखद अनुभव देगा।।We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with पांगिरा [Pangira]. To get started finding पांगिरा [Pangira], you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed.
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PDF, EPUB & Kindle Edition
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राजहंस प्रकाशन
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