Description:About the Authorनिवेदिता चक्रवर्ती को व्यवसायिक तौर पर 27 वर्ष का बीमा क्षेत्र का अनुभव प्राप्त है। वह लगभग 15 वर्ष भारतीय जीवन बीमा निगम और लगभग 12 वर्ष बजाज अलियांज़ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत रहीं। ये कवितायें बचपन से ही लिखती एवं संकलित करती रहीं। निवेदिता चक्रवर्ती का जन्म नर्मदा किनारे बहुत प्यारे शहर जबलपुर में हुआ। वह बचपन से विवाह तक हरिद्वार में पली . बढ़ीं। विवाहोपरांत 20 वर्ष की आयु में दिल्ली आईं। निवेदिता को कविता लेखन की प्रतिभा आनुवांशिक मिली। पिता स्व. श्री एम. बी. घोषाल बहुत अच्छी कविता लिखते थे और हरिद्वार की कई साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े रहे। निवेदिता को अपने शिक्षा संस्थानों से कविता लेखन और पढ़न के लिए कई पुरस्कार मिले। भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्य अवधि में उन्होंने नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की प्रतियोगिताओं में स्वरचित काव्यपाठ हेतु कई पुरस्कार जीते। इनकी कवितायें राष्ट्रीय समाचार पत्रों और विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहीं। समय . समय पर आकाशवाणी नजीबाबाद एवं आकाशवाणी दिल्ली से उनकी कविताओं का प्रसारण होता रहा। “मेरे हिस्से के नूर“ निवेदिता चक्रवर्ती का प्रथम काव्य संकलन है जिसके दो भाग हैं . प्रथम भाग . “उजली सुबह के नूर“ . बचपन से 25 वर्ष तक की कविताओं का संकलन, द्वितीय भाग . “तपती दोपहर के नूर“ . 25 वर्ष से 50 वर्ष तक की कविताओं का संकलन। निवेदिता चक्रवर्ती के सोशियल मीडिया लिंक्सःअगला प्रकाशन....मेरे हिस्से के नूर (साँझ के नूर)We have made it easy for you to find a PDF Ebooks without any digging. And by having access to our ebooks online or by storing it on your computer, you have convenient answers with Mere Hisse Ke Noor (Hindi Edition). To get started finding Mere Hisse Ke Noor (Hindi Edition), you are right to find our website which has a comprehensive collection of manuals listed. Our library is the biggest of these that have literally hundreds of thousands of different products represented.
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